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इतने सारे भगवान क्यों?

यदि सूर्योदय नहीं होगा तो स्वाभाविक रूप से सदैव अंधकार ही रहेगा। एकाधिक देवताओं की पूजा का मामला भी ऐसा ही है। 

अर्थात् वेदों के विद्वानों, आध्यात्मिक गुरुओं से वेदों का अध्ययन न करने के कारण लोग अज्ञानी हो गये हैं और सच्चे सर्वशक्तिमान ईश्वर के सत्य उपदेश को नहीं जानते, जो एक है, एक था और सदैव एक ही रहेगा।


उक्त ईश्वर के समकक्ष न तो किसी ने जन्म लिया है और न ही जन्म लेगा। वह सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी, सर्वज्ञ, निराकार है, ब्रह्मांड का निर्माण, पालन-पोषण और विनाश करता है।


अतः वर्तमान भ्रम को दूर करने के लिए वेदों के अध्ययन की अत्यंत आवश्यकता है। श्री राम, श्री कृष्ण, माता सीता, प्राचीन ऋषि-मुनि सभी ईश्वर प्रदत्त वेद ज्ञान के ही अनुयायी थे। हमें उसी का पालन करना होगा.